30 December 2013

...Parent's improper behaviour / (हिंदी)

संतान की दशा और दिशा बिगाड़ने वाले -
माता-पिता के अयोग्य व्यवहार



मित्रों,  यह बात हम सभी जानते हैं कि कोई भी माता-पिता अपनी संतान के लिए नियत से बुरे नहीं होते पर इसके बावजूद कुछ माता-पिता अपनी अज्ञानता, अनुभवहीनता, साधनों की विपन्नता व सबसे ज्यादा अपने कमजोर मूल्यों के कारण अपनी ही संतान के सफलता की राह कमजोर कर देते हैं. ऐसे माता-पिता अनजाने में अपनी संतानों के साथ अनुभवहीन, अव्यवहारिक व तर्क से परे जाकर ऐसे व्यवहार प्रस्तुत करते हैं जो उनकी संतानों को न सिर्फ दिशाहीन करता है बल्कि उन्हें उनके स्वाभाविक मंजिल से बहूत दूर भी कर देता है. अजीब बात है कि संतान के संवर्धन व मार्गदर्शन में माता-पिता के व्यवहार व संचार का कौशल सबसे महत्वपूर्ण होता है जबकि ज्यादातर माता-पिता इसी की उपयोगिता और महत्वा नहीं समझ पाते.
    इए, माता-पिता के कुछ ऐसे ही अव्यवहारिक व्यवहारों को समझने का प्रयास करें जो हमें हमारी संतानो के हित की रक्षा करने में हमारी मदद कर सके. माता-पिता के कुछ चुने हुए अव्यवहारिक व अयोग्य व्यवहार निम्नलिखित हैं :
  • जब माता-पिता अपने बच्चों को गालियां देते हैं, डराते-धमकाते हैं या हर बात पर हाथ उठाते हैं.  मानसिक, शारीरिक प्रताड़ना के साथ यह व्यवहार और निकृष्ट स्तर पर पहुँच जाता है .
  • जब वे अपनी संतानों का तत्परता से ध्यान नहीं रखते या उनके बुरे क्रियाकलापों की भी अनदेखी करते हैं .
  • जब माता-पिता अपने बच्चों को दूसरों के सामने शर्मिन्दा करते हैं या दूसरों से अपने बच्चों की शिकायत करते हैं .
  • जब वे यह नहीं जानते कि उनके अनुपस्थिति में उनकी संताने क्या करती हैं या क्या कर सकती हैं.
  • जब वे अपनी संतानों के भाव अथवा विचारों के लिए नकारात्मक प्रतिक्रिया दिया करते हैं या दूसरों के सामने उनका अपमान करते हैं .
  • जब वे हर बात पर अपने बच्चो की तुलना दूसरे बच्चों के साथ करते हैं और यहाँ तक की वे  दूसरे बच्चों को ही हमेशा श्रेष्ठ ठहराते हैं.
  • जब वे दूसरों का गुस्सा अपने बच्चों पर उतारते हैं या इतने आवेशित हो जाते है कि उनके बच्चे उनसे आवश्यक बातें करने में भी असमर्थ होते हैं.
  • जब वे बच्चों के सामने अपने जीवनसाथी या परिवार के अन्य सदस्यों को गालियां देते हैं, उनपर चिल्लाते हैं, उन पर हाथ उठाते हैं या उनसे हाथा –पाई करते हैं
  • जब वे बिना सोचे-समझे कि वे सही हैं या गलत, अपने बच्चों को अपने हर आदेश मानने पर मजबूर करते हैं .
  • जब वे अपनी संतानो की भावनाओं, विचारों अथवा शब्दों का भाव निकालने में असमर्थ होते हैं. ऐसे माता पिता अपने बच्चों की बातों का अक्सर गलत मतलब निकलते हैं .
  • जब बच्चों के लिए उनके प्यार और सजा की कोई सीमा नहीं होती . ऐसे माता –पिता या तो अपने बच्चों को ज्यादा लाड़-प्यार देकर बिगाड़ देते हैं या फिर उनकी सजा अक्सर बिना गलती के या ‘चोरी के बदले फांसी’ जैसी होती है .
  • जब आवेश में अपनी संतान के शब्दों के साथ उनकी सोंच व भावनाओं पर भी प्रतिबन्ध लगाने की कोशिश करते हैं .
  • जब वे अपने बच्चों के बाल-सुलभ प्रश्नों का उत्तर देने में भी झल्ला जाते हैं .
  • जब ये अपने बच्चों को प्रेरणा तो देते नहीं उसकी जगह पर उनका मनोबल तोड़ने का कार्य करते हैं 
  • जब वे पालन-पोषण के लिए अपने बच्चो को अपने से दूर किसी सगे सम्बन्धी के यहाँ छोड़ते हैं
  • जब वे अपने बच्चों की क्षमता व सीमाओं के बारे में नहीं जानते . ऐसे माता-पिता पहले अपने बच्चों को उनकी क्षमता से बाहर के काम करने का दबाव देते हैं और साथ ही यह कहते हुए उनका मनोबल भी तोड़ते है कि तुम यह काम नहीं कर सकते .
  • जब पिता यह नहीं जानते की उनकी पत्नी कब और कितनी बार माँ बनेगी तथा माता यह नहीं जानती की वह फिर गर्भवती हो चुकी है.

24 December 2013

GREAT SPECIALITIES OF A PARENT...



संतान के जीवन में विशिष्ट परिवर्तन लाने  वाले साधारण माता -पिता के असाधारण कौशल 



साधारणतया , सभी माता-पिता अपने ज्ञान , अनुभव व् मूल्यों के सहयोग से अपनी संतान का बेहतर मार्गदर्शन करने का प्रयास करते हैं परन्तु माता-पिता के कुछ कौशल उन्हं विशिष्ट माता-पिता कि श्रेणी प्रदान करते हैं।  आइए माता-पिता के उन विशिष्ट गुणों को परखने का प्रयास करें जो उनकी संतानों को उनके जीवन में
विशिष्टता प्रदान करने में अत्यंत सहायक होते हैं। 
ववहारिक स्तर पर देखा गया है कि जो माता-पिता निम्नलिखित कौशल से युक्त होते हैं वे अपनी संतान को ज़यादा सफ़ल ,समृद्ध और योग्य बनाने में सफल होते हैं। 

Parents' definition on values / (हिंदी)


मूल्यों के धरातल पर माता-पिता !


 एक सामान्य बात यह है कि ज्यादातर लोग, माता-पिता कौन होते हैं यह अच्छी तरह जानते हैं, उनकी विशेषताएं क्या हैं ये ज्यादातर माता-पिता ही जानते हैं पर माता-पिता के वास्तविक आंतरिक स्वरुप को आम लोगों के साथ-साथ कुछ माता-पिता भी नहीं समझ पाते।  इस महत्वपूर्ण तथ्य की आगे व्याख्या करूं, आइए इससे पहले  माता-पिता के कुछ प्रमाणित परिभाषाओं पर नजर डालें -
इनसाइक्लोपीडिया, "माता-पिता " को मुख्यतः निम्नलिखित चार प्रकार से परिभाषित करती है:-
A parent is either a legal mother or a legal father.
A parent is either a natural mother or a natural father.
Parents are Progenitors. (वंश के स्थापक )
Parents are Enc-esters. (पूर्वज )
World Medical Dictionary माता-पिता को इस प्रकार से define करती है, "Parents consist of a male who sires the child and a female who gives birth to the child." अर्थात, 'दंपत्ति एक नर वयस्क व एक मादा वयस्क मनुष्य का सार्थक संयोजन है जिसमें नर एक संतान का प्रजनक होता हैं व मादा उस संतान को जन्म देती है। '
अगर हम इन प्रमाणित परिभाषाओं पर नजर डालें तो इनका सार इस प्रकार सामने आता है कि - माता-पिता हमारे पूर्वज हैं व हमारे पुराने वंशज हैं। ये भविष्य कि सीढ़ियों पर कदम रखने वाली हमारी नयी पीढ़ियों के स्थापक हैं। 
     माता-पिता वो हैं

22 December 2013

Correct your behaviour towards your kids, Easily/(हिंदी)




संतान के प्रति माता -पिता के बातचीत,व्यवहार व सोंच की  प्रमाणिकता  व सार्थकता को सिद्ध  करने वाला एक सफल सूत्र -- "सार्थक व्यवहार का नियम "

  क्या है 'सार्थक व्यवहार का नियम' ?
 वास्तव में माता-पिता अपनी संतान के लिए जो कुछ भी करते हैं, जिस प्रकार से करते हैं या नहीं करते हैं ये सब कुछ उनके बातचीत, व्यवहार व सोंच से ही निर्देशित होता है और आगे उनके यही विविध व्यवहार  संतान के  संवर्धन  व मार्गदर्शन में बड़ी भूमिका निभाते हैं। 
माता -पिता के ऐसे व्यवहार हर जगह आम हैं पर विशेष बात यह है कि माता-पिता के ऐसे बातचीत व व्यवहार जिसे उनकी संतानों की  सहर्ष स्वीकृति प्राप्त हो, ऐसा कम देखने को मिलता है।

21 December 2013

WHAT KEEPS OUR CHILD BACK...

       संतान के सफलता की राह रोकने वाली परिस्थितियां 

 कोई भी माता-पिता अपनी संतान के जीवन को सर्वदा ही उन्नत और समृद्ध देखना चाहते हैं। हर हाल में संतान के प्रति सद्भावना बनाए रखने की भावना ही माता-पिता को संपूर्णता  से माता -पिता होने का गौरव प्रदान कराती है। पर, दुर्भाग्य से ज्यादातर माता-पिता के ज्ञान , अनुभव , मूल्य व साधन इतने समृद्ध नहीं होते जिसके बल पर वे अपनी  संतान कि दशा  और दिशा श्रेष्ठ  बना सकें तथा पूरी काबिलियत के साथ उनका सही मार्गदर्शन करते हुए

PARENTS' SPECIFIC SKILLS / HINDI


साधारण माता-पिता बनाम् श्रेष्ठ माता-पिता 





मित्रों,
         अपने आलेख के शुरुआत में, मैं सबसे पहले कुछ शब्द साधारण व श्रेष्ठ माता-पिता के बारे में कहना चाहता हूँ। मेरी नजर में एक योग्य  माता-पिता की संतान योग्य भी हो सकती है और अयोग्य भी पर एक योग्य संतान के माता-पिता सिर्फ योग्य ही हुआ करते हैं। सभी माता-पिता चाहे वे अनपढ़ हों या उच्च शिक्षित, कम अनुभवी हों या प्रगाढ़ अनुभव वाले,मूर्ख हों या ज्ञानी हर हाल में  उनका प्रयास उनकी संतान को योग्य बनाने का ही होता  है पर कुछ साधारण  माता-पिता अपने सामान्य ज्ञान, अनुभव व उपलब्ध साधनों के विशिष्ट प्रबंधन मात्र से

17 December 2013

A POEM DEDICATED TO PARENTS (HINDI)...


जगत जन -जननी, जन-जन धारिणी

 वात्सल्य मूरत, संतति पोषक
पालनहारी
लोक में प्रत्यक्ष
 देवी तुल्य माता की
संसार में सर्वत्र जय हो  !


वंश -कुल मूल, संतति शक्ति अपरंपार
जगत-जनक जन-नवजीवन के
पूर्वज सेतु सूत्रधार
लोक में प्रत्यक्ष
  देव तुल्य पिता की
संसार में सर्वत्र जय हो !!


कुल- दीपक नव वंश प्रवर्तक
मातु-पितृ जन देश हित रक्षक
नवजीवन जन जगत चराचर
कल्याणकारी
जन-जन हितकारी
लोक में उपलब्ध
 सुयोग्य संतान की
संसार में सर्वत्र जय हो !!!
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16 December 2013

PARENTS' RESPONSIBILITIES (HINDI)...







संतान के प्रति माता-पिता के मुख्य (mandatory) साधारण  ( basic ) व विशेष (specific) उत्तरदायित्व

वास्तव में एक माता या पिता अपने बच्चों की जिम्मेदारियों  को निभाने के लिए जिस तरह के परिस्थितियों का सामना करते हैं उन्हें कलमबद्ध करना किसी के बस कि बात नहीं। माता-पिता द्वारा अपने बच्चों के लिए  किए गए ऐसे ही कार्य उनके विविध उत्तरदायित्वों के निर्वहन से सम्बन्ध रखते  है।  वास्तव में एक माता या पिता के रूप में अपनी संतान के विभिन्न दायित्वों को स्वीकार करना ही माता-पिता का सबसे बड़ा दायित्व है।  
  हम  संतान के प्रति माता-पिता के विविध उत्तरदायित्वों को तीन श्रेणीओं में