16 December 2013

PARENTS' RESPONSIBILITIES (HINDI)...







संतान के प्रति माता-पिता के मुख्य (mandatory) साधारण  ( basic ) व विशेष (specific) उत्तरदायित्व

वास्तव में एक माता या पिता अपने बच्चों की जिम्मेदारियों  को निभाने के लिए जिस तरह के परिस्थितियों का सामना करते हैं उन्हें कलमबद्ध करना किसी के बस कि बात नहीं। माता-पिता द्वारा अपने बच्चों के लिए  किए गए ऐसे ही कार्य उनके विविध उत्तरदायित्वों के निर्वहन से सम्बन्ध रखते  है।  वास्तव में एक माता या पिता के रूप में अपनी संतान के विभिन्न दायित्वों को स्वीकार करना ही माता-पिता का सबसे बड़ा दायित्व है।  
  हम  संतान के प्रति माता-पिता के विविध उत्तरदायित्वों को तीन श्रेणीओं में
बाँट सकते हैं जो इस प्रकार हैं :- 
क ) माता-पिता के मुख्य उत्तरदायित्व :- जैसा शब्दों से स्पष्ट है , ये उत्तरदायित्व माता-पिता के बड़े और निश्चित दायित्व हैं जिनका निर्वहन प्रमुखता से किया जाना अनिवार्य होता है।  दूसरे शब्दों में इन उत्तरदायित्वों को पूरा करने के लिए माता-पिता वैद्यानिक रूप से भी बाध्य होते हैं तथा इन दायित्यों से पीछे हटने पर माता-पिता को उनके उत्तरदायित्वों से विमुख हुआ माना जाता है।

संतान के प्रति, माता-पिता के ये नौ दायित्व उनके मुख्य उत्तरदायित्व माने गए हैं :-
 ( विविध माध्यमों से जुटाए गए तथ्यों के अनुसार )   
1.वस्त्र, भोजन और आवास की व्यवस्था करना
. पालन- पोषण करना  
. पूर्णकालिक नाम व सामाजिक पहचान देना 
. रक्षा और विविध विषयों से सुरक्षा प्रदान करना 
. सभी , यथा- मानसिक , शारीरिक, भौतिक व आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना 
६. नैतिक, मौलिक,  धार्मिक व अध्यात्मिक मूल्यों का प्रथम पाठ  पढाना
७. शिक्षा कि व्यवस्था करना
. समुचित मार्गदर्शन करना 
९. संन्तान के लिए सदैव सद्भावना बनाए रखना ( समाजशास्त्री, माता-पिता के इस दायित्व को अलग से नहीं मानते क्योंकि वे इसे माता पिता का मौलिक गुण मानते हैं पर , मैं इस मत से सहमत नहीं।  वर्त्तमान समाज के ढांचे में अब माता-पिता का मूल्य भी कमजोर दिखने लगा है।  दरअसल ऐसे दायित्वों को भूलने वाले पिता ही अपनी मादा संतान के बलात्कारी हो जाते हैं )

ख ) माता-पिता के साधारण उत्तरदायित्व :- दरअसल, माता-पिता के साधारण दायित्व ऐसे दायित्व हैं जो संतान के मुख्य दायित्वों के निर्वहन की प्रक्रिया में जन्म लेते हैं। अर्थात् , माता-पिता के ये दायित्व उनके मुख्य दायित्वों के साथ  उनके अतिरिक्त प्रयासों व संयोजनों  को शामिल करते हैं।  जैसे: संतान के लिए शिक्षा की  व्यवस्था माता-पिता के मुख्य दायित्यों में शामिल है पर इसके लिए माता-पिता को कई सहायक व्यवस्थाएं, जैसे - अच्छे स्कूल का पता लगाना, पढ़ाई  के लिए बजट बनाना, किताबें खरीदना, स्कूल जाने  के लिए वाहन की  व्यवस्था करना आदि-आदि , करनी पड़ती हैं। माता-पिता के मुख्य उत्तरदायित्वों से जुड़े ये छोटे -छोटे  अतिरिक्त दायित्व  ही माता-पिता के साधारण दायित्व हैं। 
दरअसल माता-पिता के मुख्या दायित्व तो उंगलिओं पर गिने जा सकते हैं पर सही मायने में माता-पिता के साधारण दायित्व बड़े असाधारण होते हैं क्योकि ये अक्सर विभिन्न जटिलताओं से भरे  होते हैं जिनका समाधान  उन्हें बार-बार ढूँढना पड़ता है।  इसलिए सही मायने में माता-पिता के साधारण दायित्वों का निर्वहन करना ही  हर माता-पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। 

ग ) माता-पिता के विशेष उत्तरदायित्व:- माता-पिता के ऐसे दायित्व दरअसल उनके मुख्य व साधारण दायित्वों के विस्तार से जुड़ा होता है जो सीधा-सीधा उनके साधनों की  उपलब्धता, आर्थिक सम्पन्नता , उनके विशेष ज्ञान व अनुभव से सम्बन्ध रखता है। संपन्न अथवा महत्वकांक्षी माता-पिता अपनी संतानों के लिए अच्छा से अच्छा साधन उपलब्ध कराने कि कोशिश करते हैं।  तथापि  यह भी उनके उत्तरदायित्व के निर्वहन-सीमा के अंदर ही आता है पर ये माता-पिता के उन उत्तरदायित्वों की सीमा से बाहर होते हैं जिनके लिए प्रमुखता से वे बाध्य माने जाते  हैं। 
   दरअसल, माता-पिता के मुख्य व साधारण दायित्व संतान की  आवश्यक आवश्यकताओं  कि पूर्ती से सम्बन्ध रखते हैं जबकि विशेष दायित्व के निर्वहन में साधनों व सहयोग की  कोई सीमा नहीं होती। 
 माता-पिता के कुछ विशेष उत्तरदायित्व :- 
  • बच्चों व परिवार के लिए सभी सुख-सुविधाओं से युक्त घर बनवाना 
  • विशिष्ट  खाद्य पदार्थों से युक्त भोजन के प्रबंध करना 
  • सबसे नामी और महंगे स्कूल में नामांकन कराना 
  • बच्चों के वयस्कता प्राप्त करने के बाद भी उन्हें सभी स्तर  पर मदद करते रहना 
  • बच्चों के लिए उच्चतम अथवा विशिष्ट  शिक्षा कि व्यवस्था करना, आदि। 





      

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